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संयुक्त राष्ट्र के नये विकास एजेंडे में युवाओं की महत्वपूर्ण भूमिका।

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रॉडने रेनॉल्ड्स द्वारा

संयुक्त राष्ट्र (आईडीएन) – महासचिव बान की-मून, जो लगातार इस बात पर जोर देते रहे हैं कि संयुक्त राष्ट्र के 17 सतत विकास के लक्ष्यों को 2030 तक लागू करने में युवाओं द्वारा महत्वपूर्ण भूमिका निभाई जा सकती है, ने बताया है कि आर्थिक संकट और मंदी के चलते दुनिया भर के युवा बहुत अधिक प्रभावित हुए हैं।

उन्होंने युवाओं की एक सभा में कहा “आप इस नए विकास कार्यक्रम के मशाल धारक हैं। आप गरीबी, असमानता, भूख और पर्यावरण क्षरण को समाप्त करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। आपके प्रयास एक ऐसे युग का सूत्रपात करेंगे जिसमें कोई पीछे नहीं छूटेगा।

हाल ही में एकत्र किये गए संयुक्त राष्ट्र के आंकड़ों के अनुसार विश्व में 730 लाख से अधिक युवा बेरोजगार हैं।

फिर भी, आज दुनिया में युवाओं की संख्या मानव इतिहास की सर्वाधिक है। विश्व की लगभग 46 प्रतिशत आबादी 25 वर्ष से कम उम्र वालों की है।उप महासचिव जनरल जान एलिसन के अनुसार अफ्रीका और मध्य पूर्व में युवाओं का प्रतिशत सर्वाधिक है जो कि कुल आबादी का लगभग 60 प्रतिशत है।

एलिसन के अनुसार “यह शांति और विकास की समस्या के समाधान का एक अभिनव अवसर है।”

इस परिपेक्ष में सोका गकाई इंटरनेशनल (एसजीआई) और अर्थ चार्टर इंटरनेशनल (ईसीआई) ने संयुक्त राष्ट्र के तत्वावधान में “युवा मनोबल बढ़ाने और एसडीजी कार्यान्वयन” पर एक पैनल चर्चा का आयोजन किया जिस में नागरिक समाज संगठनों (सीएसओ) के लगभग 100 प्रतिनिधियों, युवाओं के प्रतिनिधियों, राजनयिकों और संयुक्त राष्ट्र के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।

संयुक्त राष्ट्र में श्रीलंका मिशन द्वारा प्रायोजित की गई चर्चा, 10 नवंबर को संयुक्त राष्ट्र सचिवालय में सम्पन्न हुई।

पैनल में 2030 एजेंडे पर संयुक्त राष्ट्र महासचिव के विशेष सलाहकार, डॉ डेविड नबारो, राजदूत सबरुल्ला खान, संयुक्त राष्ट्र में श्रीलंका के उप स्थायी प्रतिनिधि, सास्किया शेलेकन्स, संयुक्त राष्ट्र महासचिव के युवा मामलों के दूत और बच्चों के SOS एसओएस गांव की सोफिया गार्सिया शामिल थे।

चर्चा को संयुक्त राष्ट्र के जन सूचना विभाग के आउटरीच प्रभाग के निदेशक, माहेर नासिर ने संचालित किया।

अपने उद्घाटन भाषण में डॉ नबेरो ने 2030 एजेंडे की सार्वभौमिकता पर बल दिया और जोर देकर कहा कि युवाओं को सतत विकास का हिस्सा होना चाहिए। उन्होंने दुनिया के लिए एसडीजी के संदेश वाहक के रूप में युवाओं के महत्व पर और इस प्रक्रिया की नई तकनीक पर बल दिया।

उनकी सरकार द्वारा युवाओं को दी गई प्राथमिकता को दोहराते हुए राजदूत सबरुल्ला खान ने कहा कि क्योंकि श्रीलंका राष्ट्रीय स्तर पर 2030 एजेंडे को लागू करने की ओर अग्रसर है, उसने  महिलाओं, युवाओं, बच्चों और विकलांग व्यक्तियों को अपनी राष्ट्रीय योजनाओं के केंद्र में में रखा है, जोकि एजेंडे की परिकल्पना ‘पीछे कोई नहीं छूटेगा’ के अनुरूप है।

उन्होंने कहा कि युवाओं की एसडीजी को साकार करने में अहम भूमिका है और श्रीलंका की सरकार इस बात को अच्छी तरह जानती  है। उन्होंने कहा कि एसडीजी की उपलब्धियों के समर्थन में युवा अग्रणी भूमिका निभा सकते हैं और इसके सन्देश को विश्व के कोने कोने में पहुंचा सकते हैं।

राजदूत खान ने कहा कि इस जागरूकता अभियान में युवाओं को जुटाने के सकारात्मक प्रभाव को श्रीलंका ने देखा है।

उन्होंने कहा कि एसडीजी को साकार करने में युवाओं की पूर्ण सहभागिता में अभी कई बाधाएं है, लेकिन उन बाधाओं को, युवाओं को शिक्षित कर के, कौशल विकास के माध्यम और नये अविष्कारों से सक्षम बना कर पार किया जा सकता है।

उन्होंने इंगित किया कि श्रीलंका ने युवाओं के शिक्षा और कौशल प्रशिक्षण को बढ़ावा देने के लिए समावेशी रणनीति विकसित की है। उन्होंने आगे कहा कि युवाओं के कौशल विकास के महत्व को समझते हुए, श्रीलंका ने 15 जुलाई को  ‘विश्व युवा कौशल दिवस’ घोषित कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

युवा मामलों के संयुक्त राष्ट्र महासचिव के दूत की विशेष सलाहकार, सास्किया स्चेलेकेन्स ने श्रीलंका को युवा मामलों को आगे बढाने में अहम भूमिका निभाने के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने एसडीजी के प्रति जागरूकता पैदा करने और इसमें युवाओं को जुटाने के महत्व पर भी बल दिया। उन्होंने कहा कि युवाओं को सशक्त बनाने के लिए युवा मंत्रालयों को मजबूत बनाना भी अति आवश्यक है।

‘एसओएस बच्चों के गांव’ की सोफिया गार्सिया ने एसडीजी के संबंध में निर्णय लेने की संरचनाओं में युवा लोगों की सहभागिता के महत्व को बताया।

बचपन की गुणवत्ता हमारे भविष्य के विकास के लिए मंच तैयार करती है  – व्यक्तिगत एवं और सामजिक दोनों के लिए, ऐसा वियेना स्थित अंतर्राष्ट्रीय एसोएस चिल्ड्रेन विलेज का कहना है।

संगठन का कहना है कि “सभी बच्चों का महत्व है, लेकिन सभी बच्चों का ध्यान नहीं रखा जाता”। यह एसडीजी की राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय निगरानी प्रणाली में बच्चों के शामिल किए जाने की वकालत करता है। संगठन ने चेतावनी दी “फिर भी इन बच्चों के शामिल किए जाने के मामलों में अस्वीकार्य डेटा अंतराल, रह जाते हैं।”

एसजीआई और निर्वाचन आयोग द्वारा तैयार एक अवधारणा पत्र, जिसे पैनल चर्चा से पहले जारी किया गया, में कहा गया है कि एसडीजी को लागू करने और उसके उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए नागरिक समाज, विशेषकर युवाओं की सक्रिय भागीदारी आवश्यक होती है।

वैश्विक चुनौतियां जो लक्ष्य प्राप्ति से युक्त हैं, न केवल युवाओं के आज को प्रभावित कर रही हैं बल्कि उनके कल को भी बहुत प्रभावित करेंगी। इसके अतिरिक्त, युवा लोग तकनीक और सामाजिक मीडिया के उपयोग में दक्ष हैं, इस बात का  उपयोग एसडीजी के संवर्धन और इस दिशा में नई पहल को समर्थन देने में किया जा सकता है।

हमारी दुनिया में बदलाव: सतत विकास के लिए 2030 का एजेंडा में सतत विकास के लक्ष्यों को प्राप्त करने में युवाओं की महत्वपूर्ण भूमिका पर बल दिया गया है। इसके अनुसार, “हम आज जो आगामी 15 वर्षीय वैश्विक कार्यवाही के लिए जिस एजेंडे की घोषण कर रहे हैं वो 21वीं शताब्दी में लोगों और हमारे ग्रह के लिए एक चार्टर साबित होगा।”

“बच्चे और युवा महिलाएं व पुरुष परिवर्तन के महत्वपूर्ण एजेंट हैं और नए लक्ष्यों में उन्हें अपनी सक्रियिता को प्रदर्शित करने के लिए एक मंच मिलेगा जिससे वे एक बेहतर विश्व का निर्माण करने में अपना योगदान दे सकेंगे।”

इस अवसर पर एस जी आई और ई सी आई के दो युवा प्रतिनिधियों द्वारा तैयार की गई इंटरैक्टिव एप ‘मैपटिंग (Mapting) को भी लॉन्च किया गया। इसका उद्देश्य युवाओं को शिक्षित करना और सतत विकास के लक्ष्यों में उन्हें शामिल करना है।

नई एप को लॉन्च करते हुए सतत विकास और मानवता मामलों के कार्यक्रम अधकारी व मैपटिंग के सह-योजना प्रबंधक तदाशी नगाई ने कहा: “हम यहाँ संयुक्त राज्य में हमारी मैपटिंग नमक एप को लॉन्च करने का अवसर पा कर बहुत ख़ुशी का अनुभव कर रहे हैं।”

उन्होंने कहा कि यह परियोजना सतत विकास के लक्ष्यों के क्रियान्वयन की शुरुआत के साथ जनवरी में शुरू की गई थी, लेकिन इसके विकास में 10 महीने का समय लग गया।

इस बीच, अन्य एप्स जैसे संयुक्त राज्य द्वारा विकसित, “एस डी जी इन एक्शन” आ गयीं। लेकिन हमें आशा है कि मैपटिंग ज़मीनी स्तर पर आम लोगों, विशेषकर युवाओं में जागरूकता पैदा कर के उन एप्स के लिए पूरक का काम करेगी।”

मैपटिंग के सह परियोजना प्रबंधक, डिनो डी फ्रांसेस्को की भागीदारी के साथ एक दृश्य प्रस्तुति दी गई।[IDN-InDepthNews – 13 नवम्बर 2016]

फोटो: संयुक्त राष्ट्र में एसजीआई-ईआईसी कार्यक्रम का अवलोकन। क्रेडिट: सुनीओ याबुसाकी।

IDN इंटरनेशनल प्रेस सिंडिकेट की प्रमुख एजेंसी है।

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