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अफ्रीका के आसपास के महासागर संकट में

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जेफरी मोयो द्वारा

हरारे (आईडीएन) – सुबह होते ही, पेटिना ड्यूबे अपने घर से निकलती हैं, उनके सर पर उस कचरे से भरी बोरी है जो उनके घर के आँगन में पड़ा हुआ था क्योंकि रिपोर्ट के अनुसार ज़िम्बाब्वे की राजधानी हरारे में नगरपालिका के कचरा एकत्रित करने वालों के पास अपना कार्य करने के लिए ईंधन उपलब्ध नहीं है।

43 वर्ष की ड्यूबे जो हरारे के उच्च घनत्व वाले उपनगर वॉरेन पार्क की निवासी हैं को जाहिर तौर पर कोई परवाह नहीं है कि उसके द्वारा फेंका जाने वाला कचरा कहाँ जाएगा। ड्यूबे कहती हैं “मैं वाकई में इस बात को ले कर चिंतित नहीं हूं कि यह कचरा कहाँ जाएगा; मैं बस इसे पास ही स्थित नदी के पास फेंक दूँगी।”

लेकिन हम्प्सन चिकावो, जिनके पास ज़िंबाब्वे की मिडलैंड स्टेट यूनिवर्सिटी से पर्यावरण अध्ययन में डिग्री है, जैसे कई पर्यावरणीय विशेषज्ञों के अनुसार कहीं भी फेंका हुआ कचरा अंततः समुद्रों में जा कर मिलता है और यह समुद्री जीवन के लिए बुरा संकेत है।

“वे लोग जो उपयुक्त स्थान पर कचरा नहीं डालते हैं नहीं जानते हैं कि उनके द्वारा फेंका गया कचरा वहीं नहीं पड़ा रहता बल्कि ये बारिश में बह कर नालों में मिला जाता और नालों से नदियों में होता हुआ समुद्र में पहुँच जाता है और ये सिलसिला तब तक चलता रहेगा जब तक कि लोग कचरे को इधर-उधर फेंकते रहेंगे,” चिकोवा ने आईडीएन को बताया।”और इसका अंततोगत्वा परिणाम यह होगा कि समुद्री जीवन ख़तरे में पड़ेगा।”

चिकोवा ने कहा कि अफ्रीका में समुद्री जीवन के लिए बढ़ता ख़तरा संयुक्त राष्ट्र द्वारा निर्धारित सतत विकास लक्ष्य 14 (SDG14) के अंतर्गत आता है , जो ” स्थायी विकास के लिए महासागर, समुद्र और समुद्री संसाधनों का संरक्षण और स्थायी रूप से उपयोग करने के लिए ” तैयार किया गया है ।

सतत विकास लक्ष्य 14 की क्रियान्विति के लिए उच्च स्तरीय संयुक्त राष्ट्र सम्मलेन का आयोजन 5 से 9 जून के बीच न्यूयॉर्क में हो रहा है जिसका उद्देश्य हमारे समुद्र हमारे समुद्रों की बिगड़ती दशा को सुधारना है जिस से कि हमारे ग्रह और इस पर रहने वाले लोग लाभान्वित हो सकें।”

हालांकि, मोज़ाम्बिक में बेइरा तट पर रहने वाले फौज़िया सिनोरिटा जैसे अनेक अफ्रीकियों को इस बात का कोई ख़ास फ़र्क़ नहीं पड़ता कि उनकी गतिविधियां समुद्री जीवन को प्रभावित करती हैं।

” समुद्र हमारे भोजन की आपूर्ति करता है; हम इसमें मछली पकड़ते हैं। यह हमारे लिए परिवहन मार्ग भी है, जिसके माध्यम से हम आस-पास के इलाकों में जाते हैं, लेकिन हम इसे अपने कचरा फेंकने के स्थान के रूप में भी इस्तेमाल करते हैं।” सिनोरिटा ने आईडीएन को बताया।

सिनोरिटा के जैसे कई अफ्रीकी लोग समुद्री जीवन पर हमला कर रहे हैं और विशेषज्ञों के अनुसार इस कारण से महासागरों के नीचे जीवन तेजी से विलुप्त होता जा रहा है। दक्षिण अफ्रीका के एक वैज्ञानिक, जन रयूबें ने आईडीएन को बताया, “महासागरों में समुद्री जीव जिनमें से कई तो अभी हाल ही में खोजे गए हैं तेजी से विलुप्त हो रहे हैं।”

नतीजतन, केप टाउन, दक्षिण अफ्रीका में स्थित अंतर्राष्ट्रीय महासागर संस्थान – दक्षिणी अफ्रीका (IOI-SA) के अनुसार अफ्रीकी क्षेत्र में समुद्री प्रबंधन से जुड़े विभिन्न विषयों के प्रति जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता है।

आईओआई अंतर्राष्ट्रीय महासागर संस्थान( IOI) के अफ्रीकी क्षेत्रीय प्रशिक्षण केंद्र के रूप में कार्य करता है, जिसका लक्ष्य मध्य-पेशे के पेशेवरों, शिक्षकों, शोधकर्ताओं और नागरिक समाज के सदस्यों जिनके पास तटीय और समुद्री जीवन से संबंधित जिम्मेदारियां, कार्यों या हित हैं को शिक्षित करना है।

दक्षिण अफ्रीका के पास शानदार 3000 किमी की तट रेखा है जहां ठंडा, पोषक तत्व युक्त अटलांटिक महासागर उप-उष्णकटिबंधीय हिंद महासागर से मिलता है, और पास ही दक्षिणी महासागर है जो अनेक व्हेल प्रजातियों का घर है। इस प्रकार ये दक्षिणी अफ्रीका को समुद्री जीवन की विविधता के क्षेत्र में ऊंचे पायदान पर रखते हैं।

और 2003 के बाद से ठोस प्रयास के फलस्वरूप दक्षिण अफ्रीका ने लगभग अपने समुद्र तट के लगभग 20 प्रतिशत हिस्से को आधिकारिक समुद्री भंडार द्वारा संरक्षित घोषित कर दिया है – यह आंकड़ा प्रकृति के संरक्षण के लिए पर्यावरण संरक्षण के लिए इंटरनेशनल यूनियन (IUCN) ) द्वारा सुझाए गए आंकड़े के करीब है।

हालांकि, देश की तटरेखा मछलियों के अवैध शिकार से ग्रस्त है और कई अन्य अफ्रीकी देशों की तरह, दक्षिण अफ्रीका भी उप-मानक जहाजों और खराब नौवहन तरीकों से जूझ रहा है जिसके कारण मुसिथली खुमालो, जो केप टाउन में मुज़ेरंबर्ग समुद्र तट पर अध्ययन करने वाले कार्यकर्ता हैं, के अनुसार भारी समुद्री प्रदूषण और क्षति हुई है।

अरमांडो चिकांडा एक 63 वर्षीय सेवानिवृत्त समुद्र कप्तान है जो मोजाम्बिक में बेइरा तट पर रहते हैं। उन्होंने आईडीएन को बताया, “हिंद महासागर एक राजमार्ग है जिसके माध्यम से हम यहां मोज़ाम्बिक में सामान लाते हैं, लेकिन वास्तव में यहाँ से गुज़रने जहाज़ों के यातायात के दौरान रोजाना तेल फैलता है, लंगर को क्षति पहुंचती है और कूड़े तथा तैलीय कचरे को समुद्र में फेंकने से केवल यहीं नहीं बल्कि समस्त विश्व में समुद्री जीवन खतरे में पड़ता है।”

चिकांडा ने कहा, “हमने देखा है कि किस प्रकार कच्चा मलजल, कूड़ा, कीटनाशक, औद्योगिक रसायन, प्लास्टिक ये सब प्रदूषक सागर में जा कर मिल जाते हैं और यह प्रदूषण पूरी समुद्री खाद्य श्रृंखला, यहां तक ​​कि इंसानों को भी ख़तरे में डाल रहा है।”

न्यू यॉर्क में होने वाले संयुक्त राष्ट्र महासागर सम्मेलन के दौरान , यह देखा जाना है कि महासागरों के उपयोग के बारे में कोई आधारभूत बदलाव होगा कि नहीं। लेकिन नामीबिया के सरिता इम्बेनी जैसे कई अफ्रीकी पर्यावरण कार्यकर्ताओं का मानना ​​है कि इस प्रकार के सम्मेलन के आयोजन में काफ़ी देर हो चुकी है और महासागरों को पहले ही बहुत नुकसान हो चुका है।

इम्बेनी ने आईडीएन से कहा “अन्य अफ्रीकी देशों में जो हो रहा है उस पर टिप्पणी किये बिना नामीबिया में यहाँ हमारी तरफ हमने देखा है कि महासागर में अत्यधिक मछलियों का शिकार हो रहा है, समुद्र को बहुत अधिक प्रदूषित किया जा रहा है जबकि महासागर पृथ्वी पर प्राणियों के रहने के लिए सबसे बड़ी जगह हैं।” 

नामीबिया के कार्यकर्ता के अनुसार तटीय क्षेत्र जो ग्रह पर सबसे अधिक उत्पादक और जैविक रूप से विविधतापूर्ण हैं, तेजी से गायब हो रहे हैं क्योंकि मनुष्य उनका बहुत बुरी तरह शोषण कर रहा है।

सी सेंस के, जो पूर्वी अफ्रीकी देश में तटीय समुदायों के साथ मिलकर संकटग्रस्त समुद्री प्रजातियों जिनमें समुद्री कछुए, डगोंग, व्हेल, डॉल्फ़िन और व्हेल शार्क शामिल हैं के बचाव और संरक्षण के लिए प्रयासरत है, के अनुसार तंजानिया में, समुद्र संकट ख़तरनाक स्तर तक पहुंच चुका है

सी सेंस ने बताया कि तंजानिया में समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र और मत्स्य पालन-आधारित आजीविका के लिए सबसे बड़े खतरों में से एक डायनामाइट से विस्फोट कर के मछली पकड़ना है जिसमें मछलियों के बड़े समूहों को विस्फोटक का उपयोग कर के सन्न कर के पकड़ा जाता है।  इस तरीके से मछलियों के शिकार के लिए किये गए अंधाधुंध विस्फोट के परिणामस्वरूप कई अन्य समुद्री जीवों की भी मौत हो जाती है।

इस बीच, डुबे जैसे ज़िम्बाब्वे के निवासियों के लिए, समुद्र के जीवन के लिए विचार करना एक गौण मुद्दा है। उन्होंने पूछा, “क्या मैं अपने पिछवाड़े में कचरे के कारण बीमारियां पैदा करूं क्योंकि मुझे कुछ महासागरीय जीवों की रक्षा करनी है जो मुझे मेरे पास नहीं दिखाई नहीं देते?” [आईडीएन-InDepthNews – 5 जून 2017]

फोटो: अफ्रीका में बहुत से लोगों के लिए महासागरीय जीवन का महत्व बहुत कम है क्योंकि वे फोटो में दिखाए गए केप टाउन के समुद्र तटों जैसे म्यूज़ेनबर्ग समुद्र तट पर छुट्टियों का आनंद लेते हैं। क्रेडिट: जेफरी मोयो/ आईडीएन

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